आईएएस अधिकारी निधि चौधरी और राजनवीर सिंह कपूर की कला प्रदर्शनी हुई आशीष शेलार द्वारा उद्घाटित
‘विस्पर्स ऑफ द वुड्स: एब्स्ट्रैक्ट इम्प्रेशंस’ (Whispers of the woods: Abstract Impressions) शीर्षक से दो आईएएस अधिकारियों, निधि चौधरी (महाराष्ट्र कैडर) और राजनवीर सिंह कपूर (पश्चिम बंगाल कैडर) की संयुक्त एकल कला प्रदर्शनी का उद्घाटन माननीय श्री आशीष शेलार , मंत्री (संस्कृति एवं सूचना प्रौद्योगिकी, महाराष्ट्र शासन) द्वारा जहांगीर आर्ट गैलरी के हिरजी आर्ट गैलरी हॉल, काला घोड़ा में किया गया।
प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में कई विशिष्ट अतिथिगण उपस्थित रहे, जिनमें सत्यनारायण चौधरी (संयुक्त पुलिस आयुक्त - कानून व्यवस्था), राजीव मिश्रा (प्रिंसिपल - सर जे. जे. कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर), डॉ. अनील काशी मुरारका (समाजसेवी), सुखराज नाहर (सीएमडी - नाहर ग्रुप), तथा लक्ष्मी नारायण मिश्रा (संयुक्त प्रबंध निदेशक, एमएसआरडीसी) शामिल थे। यह प्रदर्शनी व्यावसायिक उद्देश्य से मुक्त है और प्रकृति से प्रेरित चित्रों के माध्यम से दो सिविल सेवकों की व्यक्तिगत और रचनात्मक अभिव्यक्ति को प्रस्तुत करती है, जहाँ वे कैनवास के ज़रिए आत्मचिंतन और नवीकरण की ओर रुख करते हैं।
निधि चौधरी, 2012 बैच की आईएएस अधिकारी (महाराष्ट्र कैडर), वर्तमान में नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (NGMA), मुंबई की निदेशक हैं। राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र में जन्मी निधि की कलात्मक दृष्टि प्रकृति के प्रति गहरे सम्मान से प्रेरित है। ग्रामीण राजस्थान में बचपन और देश के महानगरों – चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली, और मुंबई – में दो दशकों की सेवा ने उन्हें प्रकृति के साथ मानव संबंधों को विविध संदर्भों में देखने की दृष्टि दी है।
निधि चौधरी की मिक्सड माध्यमों में बनी अर्ध-अमूर्त कलाकृतियाँ विभिन्न सभ्यताओं, भारतीय, ग्रीक, मिश्र, और नॉर्स, में पेड़ों की पवित्र भूमिका को उजागर करती हैं और आधुनिक युग की प्रकृति से दूरी, जलवायु परिवर्तन, और अत्यधिक उपभोग की चुनौती को करती हैं। निधि कहती हैं, "विस्पर्स ऑफ द वुड्स: एब्सट्रैक्ट इम्प्रेशन्स मेरे लिए केवल एक कला प्रदर्शनी नहीं है, यह एक जागरूकता अभियान है। मेरी कलाकृतियों के ज़रिए मैं दर्शकों को यह सोचने पर प्रेरित करना चाहती हूँ कि वृक्ष न केवल प्रकृति के प्रहरी हैं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक स्मृति और संतुलन के भी प्रतीक हैं।"
वहीं, राजनवीर सिंह कपूर द्वारा प्रस्तुत श्रृंखला में ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी कला और ‘ड्रीमटाइम’ फिलासफी से प्रेरित चित्र शामिल हैं। डॉट वर्क और आध्यात्मिक प्रतीकों से प्रभावित होकर उन्होंने इसे अपनी जीवंत शैली में शामिल किया है। बचपन से चित्रकारी में रुचि रखने वाले कपूर ने 2005 में प्रतिज्ञा अभियान शुरू किया था, जिससे बच्चों की शिक्षा को कला के ज़रिए समर्थन मिला। प्रशासन में रहते हुए उन्होंने पटचित्र कला के ज़रिए मतदाता जागरूकता अभियान, दुनिया की पहली ट्रैम आर्ट गैलरी और ट्रैम वर्ल्ड कोलकाता जैसी पहलें कीं। वे कहते हैं, “पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की यात्रा के दौरान मैंने ‘ड्रीमटाइम’ दर्शन को महसूस किया और उसकी कला से प्रभावित हुआ। जहांगीर आर्ट गैलरी में प्रदर्शनी लगाना हर कलाकार का सपना होता है।
मैं यह दिखाना चाहता हूँ कि कला की कोई सीमा नहीं होती, यह संस्कृतियों और सीमाओं को जोड़ सकती है। यहां एक पंजाबी कलाकार द्वारा पुनर्कल्पित ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी कला को, कोलकाता जैसे सांस्कृतिक शहर से मुंबई जैसे वित्तीय केंद्र में प्रस्तुत करना इसी भावना का प्रतीक है।”
राजनवीर सिंह कपूर, 2012 बैच के आईएएस अधिकारी (पश्चिम बंगाल कैडर), वर्तमान में पश्चिम बंगाल सरकार के सुंदरबन मामलों के विभाग में विशेष सचिव के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने कोलकाता की ऐतिहासिक ट्रैम सेवाओं को मोबाइल लाइब्रेरी और रेस्तरां में बदलकर सार्वजनिक स्थानों में कलात्मक नवाचार को बढ़ावा दिया है। उनकी एक्रिलिक अमूर्त चित्रशैली उनकी निरंतर विकसित होती कलात्मक अभिव्यक्ति का प्रमाण है, जिसे कोलकाता में कई एकल प्रदर्शनियों में प्रस्तुत किया गया है।
'विस्पर्स ऑफ द वुड्स: एब्स्ट्रैक्ट इम्प्रेशंस' प्रदर्शनी 22 जून तक जहांगीर आर्ट गैलरी, काला घोड़ा स्थित हिरजी हॉल में रोज़ाना सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक आम जनता के लिए खुली रहेगी। प्रवेश निःशुल्क है।