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जावेद अख़्तर और अनुपम खेर ने वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट प्रदीप चंद्रा की प्रदर्शनी का किया उद्घाटन

 जावेद अख़्तर और अनुपम खेर ने वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट प्रदीप चंद्रा की प्रदर्शनी का किया उद्घाटन 







वरिष्ठ फोटो पत्रकार प्रदीप चंद्रा, जिनका शानदार करियर पचपन वर्षों से अधिक समय तक फैला हुआ है, ने जुहू स्थित फ्लोर वन में ‘बॉम्बे थ्रू द आइज़ ऑफ़ प्रदीप चंद्रा’ नामक एक विशेष फोटो प्रदर्शनी का अनावरण किया। इस प्रदर्शनी में उनके द्वारा खींची गई ऐसी दुर्लभ और यादगार तस्वीरों का संग्रह प्रस्तुत किया गया है, जो सिनेमा, संगीत, कला, साहित्य, व्यापार और राजनीति की दिग्गज हस्तियों को दर्शाता है। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन गीतकार जावेद अख़्तर और अभिनेता अनुपम खेर ने किया। इस अवसर पर निर्माता आनंद पंडित, समाजसेवी डॉ. अनील काशी मुरारका, अभिनेता दीपक क़ाज़िर और दीपक पराशर, कलाकार प्रकाश बाल जोशी, चरन शर्मा और विनोद शर्मा, कला प्रेमी परवेज़ दमानिया, क्यूरेटर किसलय वोरा सहित कई प्रतिष्ठित हस्तियाँ मौजूद रहीं। प्रदीप चंद्रा के परिवार के अलावा, इस शाम में मीडिया जगत से भी कई लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए, जिन्होंने इस प्रतिष्ठित फोटोग्राफर का जश्न मनाने के लिए अपनी गर्मजोशी से मौजूदगी दर्ज कराई। यह प्रदर्शनी 21 मई 2025 तक आम जनता के लिए जारी रहेगी।




"हम सभी जानते हैं कि प्रदीप चंद्रा अपने काम में कितने माहिर हैं, लेकिन जो बात वाकई में काबिल-ए-तारीफ है, वो है उनका विशाल अनुभव। इन तस्वीरों में जो लोग युवा दिख रहे हैं, वो अब युवा नहीं रहे (हँसते हुए), ये तस्वीरें करीब 30 से 40 साल पुरानी हैं। और वहीदा रहमान जी की जो तस्वीर है, जो उनकी पहली तस्वीर है, वो तो शायद 60 साल पुरानी होगी, मेरा अंदाज़ा है, क्योंकि मुझे याद है जब वो फ़िल्म रिलीज़ हुई थी, तब मैं बीस साल का भी नहीं था, शायद 17 या 18 का रहा होऊँगा। इतने सालों बाद भी एक क्षेत्र में प्रासंगिक बने रहना आसान नहीं होता। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूँ और उम्मीद करता हूँ कि वो यूँ ही खूबसूरत लम्हों को क़ैद करते रहें, जैसे वो हमेशा करते आए हैं," जावेद अख़्तर ने कहा।




अनुपम खेर ने कहा, “प्रदीप एक आइकोनिक फोटोग्राफर हैं। मेरे स्ट्रगलिंग के दिनों से लेकर आज तक, वो जैसे के तैसे ही है, ना शारीरिक रूप से बदले हैं, ना मानसिक रूप से। उनकी तस्वीरों से साफ़ पता चलता है कि वो सिर्फ़ चेहरों या ग्लैमर को नहीं, आत्मा को क़ैद करते हैं, और यही बात उन्हें ख़ास बनाती है। मुझे खुशी है कि मैं आज यहाँ आ सका, और मैं उन्हें और उनके प्यारे परिवार को ढेरों शुभकामनाएं देता हूँ।”




प्रदीप चंद्रा की फोटोग्राफी यात्रा एक बेहद व्यक्तिगत उपहार से शुरू हुई थी - उनके बड़े भाई, शिवा चंद्रा द्वारा दिया गया एक 'श्योर शॉट' कैमरा। फ़िल्मिस्तान स्टूडियो के गलियारों में, स्कूल से भागकर सिनेमा के जादू की एक झलक पाने की उनकी चाहत ने उनके जीवनभर के जुनून की नींव रखी। उनकी पहली बड़ी तस्वीर — फ़िल्म 'बात एक रात की' के सेट पर अभिनेत्री वहीदा रहमान की, फिल्मफेयर मैगज़ीन में प्रकाशित हुई, जिसे प्रदीप चंद्रा एक निर्णायक क्षण बताते हैं: "जिसने मुझे फोटोग्राफी को अपना जीवन बनाने के लिए प्रेरित किया।"

समय के साथ, उनकी तस्वीरों ने न केवल मुंबई, बल्कि पूरे भारत की आत्मा को कैद किया है फिर चाहे वह फ़िल्म सेट की चमक हो, मुंबई दंगों की अफरा-तफरी, या कमाठीपुरा के बच्चों की शांत गरिमा।

गुरुग्राम के म्यूज़ियो कैमरा सेंटर फॉर फोटोग्राफिक आर्ट से शुरू हुई यात्रा प्रदर्शनी ‘बॉम्बे थ्रू द आइज़ ऑफ़ प्रदीप चंद्रा’ अब मुंबई पहुंच चुकी है। इस प्रदर्शनी में प्रदीप चंद्रा द्वारा खींचे गए अनेक दिग्गजों के प्रभावशाली चित्रों को प्रस्तुत किया गया है।





इस प्रदर्शनी में सिनेमा जगत के दिग्गज कलाकारों जैसे अशोक कुमार, दिलीप कुमार, देव आनंद, राजेश खन्ना, वहीदा रहमान, हेमा मालिनी, नदिरा बब्बर, शबाना आज़मी, जावेद अख्तर, आमिर खान, शाहरुख़ खान, सलमान खान, माधुरी दीक्षित, तब्बू, करीना कपूर खान, दीपिका पादुकोण, ऐश्वर्या राय बच्चन, सुष्मिता सेन और ऋतिक रोशन के शानदार पोर्ट्रेट्स शामिल हैं। संगीत जगत की बात करें तो पं. हरि प्रसाद चौरसिया, उस्ताद अल्लाह रखा, उस्ताद ज़ाकिर हुसैन, उस्ताद तौफिक कुरैशी, ज़ुबिन मेहता और गीतकार-शायर गुलज़ार की दुर्लभ झलकियाँ इस प्रदर्शनी में देखने को मिलती हैं। कला और साहित्य की दुनिया से एम. एफ. हुसैन, एस. एच. रज़ा, एफ. एन. सूज़ा, बोस कृष्णमाचारी और लेखिका-स्तंभकार शोभा डे की तस्वीरें भी प्रदर्शित की गई हैं। भारतीय उद्यमिता और नेतृत्व के क्षेत्र से रतन टाटा, धीरूभाई अंबानी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बालासाहेब ठाकरे, लालकृष्ण आडवाणी, निर्माता आनंद पंडित और मीडिया हस्ती प्रतीक नंदी जैसे दिग्गजों की झलक भी इस उल्लेखनीय प्रदर्शनी का हिस्सा है।

समय के साथ प्रदीप चंद्रा के काम को कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों ने सराहा है। गीतकार और कवि जावेद अख़्तर उन्हें "सच्ची दोस्ती की तस्वीर" ( a true picture of friendship) कहते हैं। फिल्म निर्देशक आशुतोष गोवारिकर का मानना है कि उन्होंने "अमिताभ बच्चन के व्यक्तित्व को जिस तरह से कैमरे में कैद किया, वैसा कोई और नहीं कर सकता।" कलाकार लक्ष्मण श्रेष्ठा उन्हें "पत्रकारिता फोटोग्राफी में एक ऊंचा स्थान रखने वाला और उम्र से परे" व्यक्तित्व बताते हैं। थिएटर जगत की प्रसिद्ध हस्ती डॉली ठाकुर कहती हैं: "प्रदीप ने बॉम्बे के कई महान लोगों को ग्लैमराइज़ और ग्लोरिफाई किया, जिन्होंने इस शहर को आज का बॉम्बे बनाया है।" 
वहीं पत्रकार रजत शर्मा जोड़ते हैं: "प्रदीप को चुनौतियों से प्यार है। वह अपने कैमरे के प्रति जुनूनी हैं और यही कारण है कि उनकी हर तस्वीर एक असली कहानी बयां करती है।"

प्रदर्शनी के बारे में बात करते हुए प्रदीप चंद्रा ने कहा,  
"यह प्रदर्शनी सिर्फ एक आयोजन नहीं है। यह मेरे लिए एक तरह की घर वापसी है। यह मेरे जीवन के काम और जुनून की झलक है। हर तस्वीर एक कहानी कहती है और मिलकर यह मेरी यात्रा को बयान करती है, जिसे मैं आज भी उसी प्रेम से जीता हूं।"




यह प्रदर्शनी उनके दिल के बेहद करीब है, क्योंकि यह उनके गुरु रहे दिवंगत प्रीतिश नंदी को भी श्रद्धांजलि देती है, जिनका इस वर्ष की शुरुआत में कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया। प्रदीप भावुक होकर साझा करते हैं, "प्रीतिश नंदी ने मुझे विजुअल स्टोरीटेलिंग की ताकत को पहचानने में मदद की। उन्होंने मुझे फ्रेम से परे देखने के लिए प्रेरित किया। उनका मार्गदर्शन न केवल मेरे करियर को, बल्कि मेरे सोचने के तरीके को भी आकार देने वाला रहा है।"

चाहे वह 'द टाइम्स ऑफ इंडिया', 'फिल्मफेयर', 'द इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया', 'द इंडियन एक्सप्रेस' या 'द वीक' जैसे प्रतिष्ठित प्रकाशनों के लिए काम करना रहा हो, या फिर राज खोसला की फिल्म *'दो रास्ते'* के लिए स्टिल फोटोग्राफी, कांग्रेस शताब्दी समारोह की तस्वीरें लेना, या शेखावाटी के हवेलियों की बारीकियों को दस्तावेज करना, प्रदीप चंद्रा की हर तस्वीर में मीडिया जगत का जीवंत अनुभव झलकता है। यह प्रदर्शनी उन दुर्लभ लम्हों को बेहद नज़दीक से देखने का एक बेहतरीन अवसर है, जिसे किसी भी कला प्रेमी को चूकना नहीं चाहिए।

यह प्रदर्शनी फ्लोर वन, जेवीपीडी स्कीम, जूहू में 21 मई, 2025 तक जारी रहेगी।

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