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ऐक्टर सानंद वर्मा ने बताया- ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में मनमोहन तिवारी के रोल के लिये दिया था ऑडिशन

 ऐक्टर सानंद वर्मा ने बताया- ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में मनमोहन तिवारी के रोल के लिये दिया था ऑडिशन 


 

सानंद वर्मा ने एण्डटीवी के कल्ट कॉमेडी शो ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में अनोखे लाल सक्सेना के अनोखे, एनर्जेटिक और मजेदार अंदाज से दर्शकों को खूब हंसाया है। उनके खास डायलाॅग “आई लाइक इट” और अनोखी हरकतों ने सक्सेना को दर्शकों का चहेता किरदार बना दिया है। इस खास बातचीत में सानंद वर्मा ने इस प्यारे किरदार को निभाने, संघर्षों से भरे अपने सफर और शो से जुड़ने के बाद उनकी जिंदगी में आए बदलावों के बारे में दिल खोलकर बात की।


अनोखे लाल सक्सेना बेहद अनूठा किरदार है। क्या चीज उसे सबसे अलग बनाती है?


सक्सेना एक ऐसा किरदार है जो बिलकुल अलग है! उसकी अजीब आदतें, आशावादी नजरिया और हैरान करने वाला व्यवहार उसे यादगार बनाते हैं। अपने अनोखेपन के बावजूद, उसमें एक मासूमियत है जो दर्शकों से जुड़ती है। सक्सेना का किरदार भारतीय टेलीविजन पर सबसे खास है। मुझे यकीन है कि ऐसा कोई और किरदार नहीं है जो गिरगिट पालता हो, उनका खून पीता हो, सांप के काटने का मजा लेता हो, या फिर मजे के लिए बिजली का झटका खाता हो! उसकी ये विचित्र आदतें उसे सबसे अलग बनाती हैं। सक्सेना को बनाने के लिए काफी सोच-विचार और प्रयोग की जरूरत पड़ी, लेकिन उसके अजीब मगर प्यारे व्यवहार ने दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी है। उसकी अप्रत्याशित और अनोखी विशेषताएं ही उसे भारतीय टेलीविजन की दुनिया में एक यादगार और आइकॉनिक किरदार बनाती हैं। 


सक्सेना से आप व्यक्तिगत रूप से कितना जुड़ाव महसूस करते हैं?


सक्सेना का किरदार मेरे व्यक्तित्व को कई तरीकों से दर्शाता है। उसकी तरह ही मैं भी हर स्थिति में हास्य और आनंद ढूंढने की कोशिश करता हूं , फिर चाहे हालात कितने भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हो। उसका मजाकिया अंदाज और सकारात्मक नजरिया मुझसे काफी गहराई से जुड़ा हुआ है। सक्सेना का किरदार निभाना बिल्कुल नैचुरल लगता है, जैसे कि मैं खुद को ही स्क्रीन  पर प्रस्तुत कर रहा हूं। 



‘भाबीजी घर पर हैं‘ के साथ जुड़ने के बाद आपके साथ सबसे अच्छी चीज क्या हुई है?


‘भाबीजी घर पर हैं‘ सिर्फ एक शो नहीं है, बल्कि मेरी जिंदगी को बदलने वाले आशीर्वाद की तरह है। इसने मुझे बहुत पहचान दिलाई है और एक ऐसा किरदार बन गया है, जिससे लोग प्यार करते हैं। मुझे याद है एक बार हम सेंट्रल लंदन में शूटिंग कर रहे थे और भीड़ में से लोग मेरे पास आये और कहने लगे, ‘‘सक्सेना जी, आई लाइक इट!‘‘ उन्होंने मेरे साथ तस्वीरें खिंचवाई और वह बेहद खुशनुमा अनुभव था। उस समय मुझे अहसास हुआ कि यह किरदार और शो दुनिया भर में लोगों के लिये क्या मायने रखता है। यह शो और सक्सेना बतौर ऐक्टर मेरी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन गये हंै और मैं इसके लिये हमेशा आभारी रहूंगा।


सक्सेना के मशहूर डायलाॅग ‘‘आई लाइक इट‘ के पीछे क्या राज़ है? 


(हंसते हुये) सक्सेना का मशहूर डायलॉग ‘आई लाइक इट‘ उसकी अनोखी और मजेदार शख्सियत को पूरी तरह दर्शाता है। यह सिंपल होते हुए भी बेहद असरदार है, और दर्शकों के प्यार ने इसे आइकॉनिक बना दिया है। इसके पीछे की कहानी भी उतनी ही दिलचस्प है। शुरुआती दिनों में, हमारे डायरेक्टर शशांक बाली जी ने कैरेक्टर पर चर्चा करते हुए कैजुअली ‘आई लाइक इट‘ कहा। यह बात हमारे राइटर मनोज संतोषी सर ने नोटिस की और इसे सक्सेना की पर्सनैलिटी का हिस्सा बना दिया। तब से यह ऐसा कैचफ्रेज़ बन गया, जिससे लोग अनोखे लाल सक्सेना को जोड़ते हैं। अक्सर लोग मुझे सड़क पर रोककर यह डायलाॅग बोलने के लिये कहते हैं और जो प्यार और खुशी इससे मिलती है, वह वाकई दिल को छू जाती है।


मुंबई आने के बाद आपने बतौर सिंगर अपना सफर शुरू किया था। क्या आप उस विषय में और मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर्स के साथ अपने कनेक्शन के बारे में हमें कुछ और बता सकते हैं। 


हां, यह बिल्कुल सच है! मैं जब मुंबई आया था, तो मैंने सिंगर के रूप में अपना सफर शुरू किया था। मुझे कुछ दिग्गज संगीतकारों के साथ अच्छे रिश्ते बनाने का सौभाग्य मिला, जैसे कि राम लक्ष्मण और नदीम श्रवण। संगीत हमेशा से ही मेरे दिल के करीब रहा है और आज भी मैं दिल से यही चाहता हूं कि सिंगर के रूप में मेरी पहचान बने। सिंगिंग से मुझे बहुत खुशी मिलती है और उम्मीद है कि मैं अपने ऐक्टिंग कॅरियर के साथ इसे आगे भी एक्सप्लोर कर पाऊंगा। शायद एक दिन यह दुनिया मुझे मेरी आवाज से भी पहचानेगी, जैसे अभी वे सक्सेना जी के अनोखे अंदाज के लिये मुझे जानते हैं। 


आॅडिशन के दौरान क्या आपको पूरा यकीन था कि यह रोल आपको ही मिलेगा?


सच तो यह है कि मैंने इस किरदार के लिये कभी आॅडिशन दिया ही नहीं था। जब निर्माताओं ने भाबीजी घर पर हैं के आॅडिशन्स की घोषणा की थी, तो मैंने मनमोहन तिवारी के रोल के लिये अप्लाई किया था। मैंने खूब तैयारी की थी और सोचा था कि अपने अनोखे अंदाज़ से मैं उस किरदार में जान डाल दूंगा। लेकिन ऑडिशन के दौरान, क्रिएटिव टीम को लगा कि मेरी एनर्जी और सहजता अनोखे लाल सक्सेना के किरदार के लिए ज्यादा फिट बैठती है।


सानंद वर्मा का छुट्टी का दिन कैसा होता है? 


मुझे किताबें पढ़कर, फिल्में देखकर या अपने प्रियजनों के साथ लंबे समय तक बातें करके समय बिताना अच्छा लगता है। इसके साथ ही में अपने आस-पास के लोगों को भी बहुत गौर से देखता हूं, जिससे मुझे रिचार्ज होने और अपने काम में नये आइडियाज को शामिल करने में मदद मिलती है। 


क्या आप अपने प्रशंसकों को कोई संदेश देना चाहेंगे?


अनोखे लाल सक्सेना को इतना प्यार देने और मेरी जिंदगी में खुशियां भरने के लिये आप सभी को बहुत-बहुत शुक्रिया। आपके सपोर्ट से मुझे और भी ज्यादा मेहनत करने और आप सभी का मनोरंजन करते रहने की प्रेरणा मिलती है। ‘भाबीजी घर पर हैं‘ देखते रहिये, क्योंकि ‘आई लाइक इट!‘‘ 


‘भाबीजी घर पर हैं‘ में सानंद वर्मा को अनोखे लाल सक्सेना के रूप में देखिये, हर सोमवार से शुक्रवार, रात 10ः30 बजे, सिर्फ एण्डटीवी पर!

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