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*दीपिका पादुकोण के बाद अब कुब्रा सैत ने संभाली नारीवाद की कमान, ‘लव लिंगो’ सीज़न 2 में बनीं पहली मेहमान*

 *दीपिका पादुकोण के बाद अब कुब्रा सैत ने संभाली नारीवाद की कमान, ‘लव लिंगो’ सीज़न 2 में बनीं पहली मेहमान* 


अपने बेबाक विचारों और निडर आवाज़ के लिए जानी जाने वाली अभिनेत्री कुब्रा सैत हाल ही में ‘लव लिंगो’ सीज़न 2 के पहले एपिसोड में मुख्य अतिथि बनीं नज़र आईं, जहाँ उन्होंने महिलाओं की पहचान, आत्म-स्वीकार और समाज के तयशुदा लेबल्स से परे जीने के मायनों पर खुलकर बात की।



गौरतलब है कि जस सगू और अर्सला कुरैशी द्वारा होस्ट किया गया यह नया सीज़न प्रेम, भाषा और संस्कृति के गहरे रिश्ते को आगे बढ़ाता है, और अब कुब्रा की ईमानदार बातचीत ने शो के टोन को एक मजबूत दिशा दी है।


कुब्रा कहती हैं, “अच्छी लड़कियाँ लड़कों से बात नहीं करतीं, अच्छी लड़कियाँ लिपस्टिक नहीं लगातीं, अच्छी लड़कियाँ बस सुनती हैं, बचपन में मैंने कहीं यह पंक्तियां पढ़ी थी। लेकिन अब मेरी ज़िंदगी में इनमें से कुछ भी नहीं है। मैं किसी तय कैलेंडर या नियमों के हिसाब से नहीं जीती और न जी सकती हूँ। कब शादी करनी है या कब खुश रहना है, ये मैं तय करूँगी। मैंने 30 साल की उम्र में तैरना सीखा, खुले समुद्र में गोता लगाया और मेरे लिए यही असली आज़ादी का एहसास है।”


पिछले सीज़न में दीपिका पादुकोण के प्रभावशाली विचारों की तरह, कुब्रा भी इस बार जेंडर आधारित उम्मीदों पर बातचीत को आगे बढ़ाती नज़र आई हैं और महिलाओं को अपने जीवन के मायने खुद तय करने का आमंत्रण देती हैं।


बातचीत के दौरान अर्सला कुरैशी ने कुब्रा के चर्चित सीरीज़ सैक्रेड गेम्स से उनके चर्चित किरदार कुकू को याद किया, जिसने पर्दे पर एक जेंडर विशेष का प्रतिनिधित्व किया था। अर्सला ने कहा, “कोई मुंबई इस सोच के साथ नहीं आता कि मैं ट्रांसजेंडर का किरदार निभाकर मशहूर हो जाऊँगी, लेकिन आपने वो किया और ट्रांसजेंडर समुदाय को यह यकीन दिलाया कि वे जैसे हैं, वैसे ही रहकर भी दुनिया का प्यार पा सकते हैं।”



इस पर कुब्रा ने जवाब दिया, “मेरा मानना है कि अनुराग कश्यप जी ने इसे बहुत खूबसूरती से लिखा था। कुछ भी अकेले में नहीं बनता, सब कुछ सहयोग से बनता है। मैं बस सही वक्त पर सही जगह पर थी, और इतना किया कि ‘ना’ नहीं कहा।”

अनुराग कश्यप और नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी के साथ अपने अनुभव को याद करते हुए उन्होंने कहा, “ज़रा सोचिए, जब रेसिपी में अनुराग कश्यप और नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी हों, तो मैंने क्रिएटिविटी पर भरोसा किया और बिना सोचे हाँ कह दिया।”


'सैक्रेड गेम्स' से लेकर 'लब लिंगो' तक, कुब्रा सैत अपनी परफॉर्मेंस के साथ-साथ आज़ादी और आत्म-पहचान की विकसित होती समझ से भी प्रेरणा देती रही हैं।

वर्क फ्रंट की बात करें तो कुब्रा सैत जल्द ही वरुण धवन और मृणाल ठाकुर के साथ फिल्म ‘है जवानी तो इश्क होना है’ में नज़र आनेवाली हैं।

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