राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक महेश काले ने उठाया यूएस ओपन का आनंद
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक महेश काले, जो शास्त्रीय संगीत को नए श्रोताओं के करीब लाने के लिए जाने जाते हैं, हाल ही में दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित खेल आयोजनों में से एक – यूएस ओपन टेनिस चैंपियनशिप, न्यूयॉर्क का आनंद लेने पहुंचे।
इस अनुभव को उन्होंने 'एक सुखद अवसर' बताते हुए साझा किया कि दर्शकों की ऊर्जा ने उन्हें खासा प्रभावित किया। उन्होंने कहा, “जो भी खिलाड़ी संघर्ष कर रहा था, दर्शकों ने उसका बहुत उत्साह बढ़ाया। इससे मुझे महसूस हुआ कि दर्शक सिर्फ किसी खिलाड़ी को नहीं, बल्कि खेल को ही प्रोत्साहित कर रहे थे।” यह उन्होंने कार्लोस अल्कराज़ और जानिक सिनर के बीच हुए रोमांचक मुकाबले को देखने के बाद कहा।
काले के लिए यह भावना उनकी दुनिया से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा, “संगीत और खेल दोनों में अनुशासन, एकाग्रता और शोर के बीच ध्यान केंद्रित करने की क्षमता चाहिए। चाहे आप सही सुर पकड़ें या फिर एक एस सर्व करें, दोनों से मिलने वाली खुशी समान होती है।”
अपने सफल कॉन्सर्ट टूर ‘अभंगवारी’ और इसी नाम से हाल ही में रिलीज़ हुए गीत के बाद, महेश काले ने हमेशा खुद को खेलों का दीवाना माना है। उन्होंने याद करते हुए कहा,“मैं उन चार लड़कों में से था जो हर खेल खेलते थे। बेशक, हर भारतीय बच्चे की तरह मैंने क्रिकेट खेला, लेकिन मैंने शॉर्ट डिस्टेंस दौड़, वॉलीबॉल, बैडमिंटन और बास्केटबॉल भी खेले।”*
अपने बचपन की एक व्यक्तिगत याद को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे बैडमिंटन खेलते समय, जब वह अपने बड़े भाई के साथ प्रैक्टिस पर गए थे, तो कोच की नज़र उन पर पड़ी। “कोच ने मुझे खेलने को कहा और फिर मुझे एडवांस बैच में ले लिया। उन्होंने कहा कि मेरे खेल में एक खास लय है… वह पल हमेशा मेरे साथ रहा है।”
वह शुरुआती प्रोत्साहन आज भी उनके साथ है, जिसने न सिर्फ खेल के प्रति उनका प्रेम बल्कि उनके संगीत और जीवन जीने का तरीका भी गढ़ा। जैसा कि वे कहते हैं, “खेलों ने मुझे सिखाया कि जिंदगी को जोश के साथ जियो… नतीजे से परे रहकर प्रक्रिया का आनंद लो।”

 
 
 
