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कैसे ईशा कोप्पिकर जीती हैं संपूर्ण वैलनेस का जीवन

 बर्थडे स्पेशल ईशा कोप्पिकर का जन्मदिन उनके तंदुरुस्ती मंत्र के साथ मनाएँ


ईशा कोप्पिकर अपना जन्मदिन मना रही हैं, ऐसे में उनके वेलनेस के सफ़र पर विचार करना बिलकुल सही लगता है, जिसे वे न केवल स्वयं अपनाती हैं, बल्कि दुनिया के साथ साझा भी करती हैं। आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी, जिसमें ज़्यादा समय, ज़्यादा सफलता और ज़्यादा पहचान की होड़ लगी होती है, ऐसे में ईशा संतुलन की एक ताज़गीभरा प्रतीक बनकर उभरती हैं। वह अपने वीडियो के ज़रिए सिर्फ़ बातें ही नहीं करतीं, बल्कि उसे अपनाती भी हैं। मेंटल स्ट्रेंथ, फिजिकल फिटनेस और सोलफुल क्लेयरिटी का सुंदर समन्वय उनके जीवन को सच्चे अर्थों में वेलनेस की परिभाषा बनाता है।

दृढ़ संकल्प के साथ लक्ष्य-निर्धारण: 2025 की शुरुआत
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ईशा ने 2025 की शुरुआत एक बड़े बदलाव के संकल्प के साथ की। अपने इंस्टाग्राम के एक जिम वीडियो में उन्होंने कड़ी मेहनत, अनुशासन और फिटनेस का प्रदर्शन किया। उनका संकल्प सतही बदलाव के बारे में नहीं है, बल्कि चुनौतियों को स्वीकार करने, कंटिन्यू बने रहने और सपनों को उपलब्धियों में बदलने के बारे में है। उनका संदेश, "2025 पूरी तरह से बदलाव का वर्ष है — चुनौतियों को अपनाकर उन्हें अपनी सबसे बड़ी उपलब्धियों में बदलना।”
यह याद दिलाता है कि फिटनेस सिर्फ शरीर की नहीं होती, बल्कि यह मानसिकता और दृढ़ता का भी प्रतीक है।




डर स्वाभाविक है... लेकिन कर्म शक्तिशाली होती है
https://www.instagram.com/p/DKuJqqOROq4/

नई शुरुआतें चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं, और इस वीडियो में ईशा उस डर को खुलकर बयां करती हैं। वह मानती हैं कि कैसे अनजानी बातें हमें रोक सकती हैं, चाहे वह काम में हो, रिश्ते में हो, या कुछ नया शुरू करने में। उनका संदेश बेहद प्रभावशाली है: जब सब कुछ अस्त-व्यस्त या अनिश्चित लगता है, तब भी ईमानदारी और साहस के साथ पहला कदम उठाने से स्पष्टता और आत्म-विश्वास बढ़ता है। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक सशक्त संदेश है — डर को पार कर आगे बढ़ना ही सच्ची मानसिक दृढ़ता है।

स्पॉटलाइट से ज़्यादा आत्म-मूल्य महत्वपूर्ण है: मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवाज़ उठाना
https://www.instagram.com/p/DLgveUjRjoR/

इस भावपूर्ण पोस्ट में ईशा ने प्रसिद्धि के दबाव और सफलता के साथ अक्सर छिपे हुए चुनौतियों के बारे में खुलकर बात करती हैं। वह एक सार्वभौमिक सत्य को उजागर करती हैं: "मैं नहीं जानती थी कि यह कहना ठीक है — 'मैं ठीक नहीं हूं।'" वे कहती हैं कि सच्ची ताकत सब कुछ पर नियंत्रण रखने में नहीं, बल्कि वास्तविक और ईमानदार बनने में है — खुद के प्रति दयालु होने और यह समझने में कि संवेदनशील होना कोई कमजोरी नहीं है।
इस वीडियो के माध्यम से वे मानसिक स्वास्थ्य पर बातचीत को प्रोत्साहित करती हैं और बताती हैं कि परिपूर्णता में नहीं, बल्कि प्रामाणिकता में आत्म-मूल्य होता है।

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