**जब शानदार अभिनय ने देशभक्ति को किया जीवंत: कैसे इन प्रमुख अभिनेताओं ने फ़िल्मों को बनाया अविस्मरणीय**
जैसे ही भारत 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है, यह सही समय है उन फ़िल्मों को याद करने का, जिन्होंने बड़े पर्दे पर देशभक्ति, साहस और बलिदान की भावना को बखूबी पेश किया। वर्षों से, बॉलीवुड ने ऐसी प्रेरणादायक कहानियाँ दी हैं जो न केवल मनोरंजन करती हैं बल्कि देश के प्रति गर्व का एहसास भी जगाती हैं। यहाँ छह अविस्मरणीय देशभक्ति फ़िल्में हैं, जिन्हें उनके मुख्य कलाकारों के दमदार प्रदर्शन ने यादगार बना दिया।
**1. गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल**
शीर्षक भूमिका में जान्हवी कपूर द्वारा अभिनीत यह प्रेरणादायक बायोग्राफिकल ड्रामा, फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना की सच्ची कहानी कहता है—जो कारगिल युद्ध के दौरान लड़ाई के क्षेत्र में उड़ान भरने वाली भारतीय वायुसेना की पहली महिला अधिकारियों में से एक थीं। जान्हवी ने इस किरदार में एक सहज लेकिन असरदार उपस्थिति दी, जिसमें उन्होंने गुंजन के शांत संकल्प, लैंगिक भेदभाव के ख़िलाफ़ उनकी जंग, और भावनात्मक नाज़ुकता को बड़ी ख़ूबसूरती से निभाया। उनका प्रदर्शन सच्चा लगा, जिसने दर्शकों को उनकी यात्रा से जोड़ दिया।
**2. लगान**
आशुतोष गोवारिकर के निर्देशन में बनी यह महाकाव्य खेल-ड्रामा औपनिवेशिक भारत में सेट है और एक गांव के लोगों की कहानी कहती है, जो ब्रिटिश अधिकारियों को कर से बचने के लिए क्रिकेट मैच की चुनौती देते हैं। आमिर ख़ान ने भुवन के रूप में एक निडर और दृढ़ नेता का किरदार निभाया, जो असीम आशा और साहस से भरा था। उन्होंने एक बिखरी हुई टोली को एकजुट टीम में बदलकर असंभव जीत को विश्वसनीय बना दिया।
**3. बॉर्डर**
जेपी दत्ता द्वारा निर्देशित, *बॉर्डर* भारतीय सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित युद्ध फ़िल्मों में से एक है। 1971 के भारत–पाक युद्ध के दौरान लोंगेवाला की लड़ाई पर आधारित इस फ़िल्म में सनी देओल और जैकी श्रॉफ ने मुख्य भूमिका निभाई। हर अभिनेता का प्रदर्शन जोश, वीरता और अटूट देशभक्ति से भरा था।
**4. रंग दे बसंती**
आधुनिक क्लासिक कही जाने वाली *रंग दे बसंती* में आमिर ख़ान, सिद्धार्थ और कुणाल कपूर ने अभिनय किया है। फ़िल्म में बेफ़िक्र कॉलेज दोस्तों की ज़िंदगी को भारत के स्वतंत्रता सेनानियों की क्रांतिकारी भावना के साथ जोड़ा गया है। आमिर ने ‘डीजे’ के किरदार में ऊर्जा और सहजता से एक ऐसे युवक का बदलाव दिखाया जो मज़ाक-मस्ती से गंभीर बलिदान तक की यात्रा करता है। सिद्धार्थ ने गंभीरता और कुणाल कपूर ने शांत दृढ़ता से अभिनय किया, जिसने फ़िल्म की भावनात्मक गहराई को और बढ़ा दिया।
**5. द लेजेंड ऑफ भगत सिंह**
अजय देवगन ने इस शक्तिशाली बायोपिक में अपने करियर का एक बेहतरीन प्रदर्शन दिया। यह फ़िल्म क्रांतिकारी भगत सिंह के साहस, विचारधारा और 23 वर्ष की आयु में उनके बलिदान की कहानी कहती है। अजय ने इस किरदार को संयमित लेकिन तीखे अंदाज़ में निभाया, जिससे भगत सिंह की विचारधारा दर्शकों के दिल में गहराई से उतर गई।
**6. उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक**
यह रोमांचक सैन्य ड्रामा विक्की कौशल को मेजर विहान सिंह शेरगिल के रूप में दिखाता है, जो 2016 के उरी हमले के जवाब में एक गुप्त ऑपरेशन का नेतृत्व करते हैं। फ़िल्म के प्रभावशाली एक्शन दृश्यों, भावनात्मक गहराई और विक्की की मशहूर लाइन—“हाउज़ द जोश?”—ने इसे तुरंत देशभक्ति का ब्लॉकबस्टर बना दिया। उनका प्रदर्शन शारीरिक दमखम, भावनात्मक भार और कच्ची देशभक्ति का बेहतरीन मिश्रण था।


