_*कलाकारो ने बताई सेट पर शुरू हुई दोस्ती की कहानी, जो बन गई ज़िंदगीभर का रिश्ता!*_
जहां लाइट, कैमरा और एक्शन परदे पर कहानियों को जीवंत बना देते हैं, वहीं कई बार पर्दे के पीछे बिताए गए पल दिल को छू जाने वाली यादें बन जाते हैं। इस फ्रेंडशिप डे पर *एण्डटीवी* के कलाकार हमें अपने उन खास लम्हों के बारे में बता रहे हैं, जब सेट पर बनी जान-पहचान गहरी दोस्ती में बदल गई। कभी आत्मिक जुड़ाव तो कभी जीवन की मुश्किल घड़ियों में मिले अटूट साथ वाले ये किस्से बताते हैं कि सबसे मजबूत दोस्ती अक्सर वहीं बनती है, जहां हम उसकी सबसे कम उम्मीद करते हैं। इनमें शामिल हैं *प्रियंवदा कांत (‘घरवाली पेड़वाली‘ की लतिका), सपना सिकरवार (‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की बिमलेश) और शुभांगी अत्रे (‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अंगूरी भाबी)* । ‘ *घरवाली पेड़वाली’* में *लतिका* का किरदार निभा रहीं *प्रियंवदा कांत* ने बताया, _“मेरा और कृष्णा भारद्वाज का रिश्ता बहुत खास है। हमारी पहली मुलाकात आठ साल पहले एक शो के दौरान हुई थी और तब से हम लगातार जुड़े हुए हैं। हमारी दोस्ती को खास बनाता है हमारा गहरा आध्यात्मिक जुड़ाव। बाहर से हम दोनों मस्तीभरे और एनर्जेटिक हैं, लेकिन अंदर से शांत और स्थिर हैं। यही आंतरिक शांति हमारे रिश्ते की सबसे बड़ी ताकत है। सेट की हलचल और ड्रामा के बीच हम एक-दूसरे की मौजूदगी में सुकून पाते थे। जब भी वो बेचैन होता, मैं उसका सहारा बनती और जब मुझे मुश्किलों में चुपचाप किसी का साथ चाहिए होता, तो वो हमेशा मेरे साथ खड़ा रहता। हमारी दोस्ती आपसी समझ और बिना शर्त पर टिकी है-शांत, मजबूत और बेहद खास।”_
*‘हप्पू की उलटन पलटन’* की *बिमलेश* यानी *सपना सिकरवार* ने अपनी एक खास दोस्ती का ज़िक्र करते हुए कहा, _“कुछ साल पहले एक शूट के दौरान मेरी और गीतांजलि की मुलाकात हुई थी। धीरे-धीरे हमारी दोस्ती सीन पार्टनर से बढ़ते-बढ़ते सोल सिस्टर तक पहुंच गई। हम दोनों ही मजबूत सोच वाली महिलाएं हैं, लेकिन एक-दूसरे को बेहतरीन तरीके से संतुलित करते हैं। मुझे उसमें सबसे ज्यादा उसकी संवेदनशीलता पसंद है-वो चाहे कितनी भी व्यस्त हो, दूसरों का ध्यान रखना नहीं भूलती। एक बार मैं एक गहरे व्यक्तिगत संकट से गुज़र रही थी, और उसने अपने सारे काम छोड़कर मेरे साथ खड़े होने का फैसला किया। उसने सिर्फ मुझे दिलासा नहीं दी, बल्कि मुझे हिम्मत और ताकत भी दी। आज हम दोनों ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में साथ काम कर रहे हैं और ऑनस्क्रीन बहनों का किरदार निभा रहे हैं। हमारी दोस्ती ऐसी है जहां खामोशी भी बहुत कुछ कह जाती है। इस तेज़ रफ्तार दुनिया में वो मेरी स्थिरता है, जो ये याद दिलाती है कि सच्ची दोस्ती मिलने-जुलने की गिनती से नहीं, बल्कि एक-दूसरे की मौजूदगी से बनती है।”_ ‘ *भाबीजी घर पर हैं‘* की *अंगूरी भाबी* यानी *शुभांगी अत्रे* ने कहा, _“मेरी और मेघा की मुलाकात सालों पहले एक इंडस्ट्री इवेंट में हुई थी। पहली ही बार में उनकी सादगी और सच्चाई ने मुझे आकर्षित किया। धीरे-धीरे वो जुड़ाव एक गहरी दोस्ती में बदल गया। मुंबई में मेरे संघर्ष के दिनों की एक घटना मैं कभी नहीं भूल सकती। एक बार अचानक मुझसे मेरे रहने की जगह छिन गई और मैं घबरा गई। मैंने मेघा को फोन किया और बिना एक पल गंवाए उसने कहा, ‘तुम वहीं रुको, मैं आ रही हूं‘, और मुझे अपने घर ले गई। उस पल उसने सिर्फ मुझे छत ही नहीं दी, बल्कि हिम्मत भी दी। मेघा की सबसे खूबसूरत बात है उसकी ईमानदारी और सपोर्टिव नेचर। वह वो बातें कहती है जो आपको सुननी चाहिए, ना कि सिर्फ वो जो अच्छी लगे। उसके रूप मुझे एक दोस्त नहीं, बल्कि जिंदगी भर का साथ निभाने वाली बहन मिल गई।”_