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*एक हार्दिक उत्सव: भारतीय टेलीविजन के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आईटीए गान का अनावरण*

 *एक हार्दिक उत्सव: भारतीय टेलीविजन के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आईटीए गान का अनावरण*



*भव्य शाम में जीतेंद्र, जैकी श्रॉफ, रंजीत गोली, शत्रुघ्न सिन्हा, पूनम सिन्हा, डेविड धवन, राजन लाल, महेश भट्ट, सोनी राजदान, रूपाली गांगुली, मीनाक्षी शेषाद्रि, रणदीप हुडा, रमेश तौरानी, महीप कपूर, हुनर हाली, मौसमी चटर्जी, सुरविंदर पाल विक्की, ताहिर शब्बीर मिठाईवाला, करण सिंह छाबड़ा, पायस पंडित, सुधीर पांडे, जयंतीलाल गड़ा, आकांशा रंजन, रोहिताश्व गौड़, असित की उपस्थिति देखी गई। 





कुमार मोदी, मधुरिमा तुली, रोहित रॉय, गुलशन ग्रोवर, करण मेहरा, महिमा चौधरी, राजन शाही, गौतम रोडे, अशोक पंडित, स्मृति कालरा, शाम कौशल, दीपिका सिंह, रोशनी वलाई, दर्शन कुमार, अल्पना बुच, पूनम ढिल्लों, अयूब शेख खान, विवियन डीसेना, डेज़ी शाह, करण वी ग्रोवर, जमनादास मजेठिया, अंजन श्रीवास्तव, उपासना सिंह, शिवम खजुरिया, हर्ष राजपूत, करणवीर शर्मा, कंवर ढिल्लों, राजेश खट्टर, राकेश पॉल, जिया मुस्तफा, राजीव पॉल, यश टोंक, गौरी टोंक, रोहित पुरोहित, समृद्धि शुक्ला, उदित नारायण, दिलीप जोशी, वरुण शर्मा, संजीव कपूर, हर्षद चोपड़ा, कृष्णा अभिषेक, सरिता जोशी, शिवांगी जोशी, दिया सिंह, टोनी सिंह, निवेदिता बसु और कई अन्य।*




*विरासत का जश्न*

अनु रंजन और शशि रंजन ने भारतीय टेलीविजन अकादमी (आईटीए) पुरस्कारों के 25 गौरवशाली वर्षों के उपलक्ष्य में "आईटीए एंथम" का अनावरण किया - जो भारतीय टेलीविजन की भावना और आत्मा को एक भावनात्मक श्रद्धांजलि है।




*गीत में एक यात्रा*

मूल और नए संस्करणों को मिलाकर, यह गीत भारतीय टेलीविजन की 25 साल की यात्रा को दर्शाता है - इसके विकास, चुनौतियों और इसे आकार देने वाले लोगों को।




*एक समारोह से कहीं अधिक*

दो दशकों से अधिक समय से, आईटीए ने अभिनेताओं, रचनाकारों, तकनीशियनों और दर्शकों के जुनून का सम्मान किया है। यह गान इस यात्रा के प्रत्येक स्मृति और मील के पत्थर को श्रद्धांजलि है।



*मनोरंजन जगत एक साथ आया*

इस लॉन्च में समूचा टेलीविजन जगत - प्रतिष्ठित व्यक्ति, नवागंतुक और दूरदर्शी - साझा गौरव और हार्दिक पुरानी यादों के उत्सव में एक साथ आए।




*संस्थापकों के हृदय से*

"यह एंथम हमारी साझा कहानी है—हमारे स्क्रीन पर चमकने वाले लचीलेपन, रचनात्मकता और सपनों को एक श्रद्धांजलि। इस अविश्वसनीय यात्रा का हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद।" अनु रंजन और शशि रंजन




*समय के साथ गूंज*

जैसे ही राष्ट्रगान बजा, यह अतीत को वर्तमान के साथ सहजता से जोड़ता है - विरासत का सम्मान करते हुए भारतीय टेलीविजन के भविष्य को गले लगाता है।



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