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*‘शार्क टैंक इंडिया 4 : गेटवे टू शार्क टैंक-दिव्यांग स्‍पेशल’ में ‘टिकल योर आर्ट’ की दिल छू लेने वाली पिच!*

 *‘शार्क टैंक इंडिया 4 : गेटवे टू शार्क टैंक-दिव्यांग स्‍पेशल’ में ‘टिकल योर आर्ट’ की दिल छू लेने वाली पिच!*

 

सोनी लिव 'शार्क टैंक इंडिया 4: गेटवे टू शार्क टैंक – दिव्यांग स्पेशल' लेकर आया है जहां हुनर की कोई सीमा नहीं होगी! यह खास पहल उन प्रतिभाशाली उद्यमियों के लिए है, जो दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और नवाचार को नया आयाम दे रहे हैं। इस सफर में उनके मार्गदर्शक हैं अदाणी एयरपोर्ट्स के निदेशक जीत अदाणी, जो न केवल उन्हें सलाह देंगे, बल्कि उनके बेहतरीन आइडियाज़ को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में आर्थिक सहयोग भी करेंगे।

 

इस खास एपिसोड के एक दिल छू लेने वाले पल में, ‘टिकल योर आर्ट’ की संस्थापक श्वेता रुनवाल ने अपनी बेटियों ईरा और धृति के साथ मंच संभाला।  धृति, जो डाउन सिंड्रोम के साथ पैदा हुईं हैं, के सफर से प्रेरित होकर बनाया गया ब्रांड ‘टिकल योर आर्ट’ उन खास प्रतिभाओं का जश्न मनाता है, जो बौद्धिक दिव्यांगता के बावजूद अपनी अनोखी काबिलियत से दुनिया को रंगों से भर रहे हैं।

 


पेशे से आर्किटेक्ट श्वेता रुनवाल ने एक ऐसा मंच बनाने की शुरुआत की, जो समावेशन और सशक्तिकरण को बढ़ावा दे। टिकल योर आर्ट पहले ही कई खास कलाकारों के साथ जुड़कर अपनी पहचान बना चुका है। ब्रांड का लोगो भी इसके उद्देश्य को दर्शाता है, जिसमें नीला और पीला रंग शामिल है, जो डाउन सिंड्रोम जागरूकता का प्रतीक हैं। शो में धृति और ईरा की मासूमियत और उनके उत्साह ने शार्क्स का दिल जीत लिया। ईरा ने आत्मविश्वास से ब्रांड के कुछ खास प्रोडक्ट्स पेश किए, जिनमें 'द काइंड आई' भी शामिल थी। यह एक अनोखी ज्वेलरी है, जो बुरी नज़र की पारंपरिक सोच को एक नई, सकारात्मक दिशा देती है। यह आइडिया अनुपम मित्तल को खासतौर पर बहुत पसंद आया।


श्वेता और उनकी बेटियों ने जैसे ही अपनी कहानी बताई, माहौल उत्साह से भर गया। श्वेता ने कहा, "मैंने महसूस किया कि धृति अपनी भावनाओं को खूबसूरती से कला के माध्यम से व्यक्त करती है। इसलिए, मैं एक ऐसा मंच बनाने चाहती थी, जहां उसके साथ-साथ अन्य खास कलाकारों की प्रतिभा भी सामने आ सके। ‘‘शार्क टैंक इंडिया’’ का हिस्सा बनना हमारे लिए एक यादगार अनुभव रहा। हमें खुशी है कि हमें अपने विज़न को शार्क्स के सामने रखने का मौका मिला और हम अमन गुप्ता और अनुपम मित्तल के आभारी हैं, जिन्होंने हमारे सबको शामिल करने वाले और सशक्तिकरण से जुड़े सपने में निवेश किया।"

 

उन्होंने 7% इक्विटी के बदले ₹21.3 लाख की मांग की थी, और उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब शार्क्स अमन गुप्ता और अनुपम मित्तल ने इसमें निवेश करने का फैसला किया। श्वेता जैसे प्रेरणादायक उद्यमियों और जीत अदाणी जैसे समर्पित मेंटर्स के साथ, ‘‘शार्क टैंक इंडिया 4: गेटवे टू शार्क टैंक – दिव्यांग स्पेशल’’ समावेशन, नवाचार और उन अनगिनत संभावनाओं की ताकत का प्रतीक बनकर उभरा है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं।


_देखिये ‘शार्क टैंक इंडिया 4 : गेटवे टू शार्क टैंक-दिव्‍यांग स्‍पेशल’, आज रात 8 बजे, सिर्फ सोनी लिव पर!_

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