*गांव से शार्क टैंक इंडिया 4 के मंच तक: पंचाल डेयरी की प्रेरणादायक कहानी*
आवश्यकता ही बदलाव की जननी है, और पंचाल डेयरी इसका जीता-जागता उदाहरण है। गुजरात के पंचाल रबारी पशुपालक समुदाय के नाम पर बना यह ब्रांड देश में बकरी और भेड़ के दूध को नई पहचान दिलाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। अर्पण कलोत्रा और भीमसिंह घांघल ने इसे एक छोटे से गाँव से शुरू किया, और अपनी अनूठी सोच व मेहनत से डेयरी उद्योग में खास मुकाम हासिल किया। साधारण शुरुआत से लेकर प्रतिष्ठित वर्ल्ड चीज़ कॉन्क्लेव में सराहे जाने तक, यह सफर गुणवत्ता, नवाचार और दृढ़ संकल्प की मिसाल पेश करता है।
अब तक 1,120 किलो चीज़ बेचने और वर्ल्ड चीज़ अवार्ड्स में अपनी पहचान बनाने के बाद, पंचाल डेयरी ने इंडस्ट्री में अपनी मजबूत जगह बना ली है। अब इसके संस्थापक अपने सपने को शार्क टैंक इंडिया में लेकर आ रहे हैं। वे 10% इक्विटी के बदले 20 लाख रुपये के निवेश की मांग कर रहे हैं। इस फंडिंग के जरिए उनका लक्ष्य अपने काम का विस्तार करना, डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को मजबूत बनाना और भारतीय चीज़ बाजार में अपनी पकड़ और मजबूत करना है।
संस्थापक अर्पण कलोत्रा और भीमसिंह घांघल कहते हैं, "हमने अपनी यात्रा गुजरात के एक छोटे से गाँव से शुरू की थी, और आज हमें गर्व है कि हम अपने समुदाय के लिए सम्मान का स्रोत बन गए हैं। हमारे उत्पाद, जैसे बकरी के दूध से बना चीज़ (गोट चीज़) और पेकोरिनो, न सिर्फ अनूठे हैं, बल्कि बेहतरीन गुणवत्ता वाले भी हैं। हम गाँवों में लोगों को रोज़गार देकर उन्हें सशक्त बना रहे हैं और यह साबित कर रहे हैं कि छोटे स्तर पर शुरू किया गया व्यवसाय भी बड़ा बदलाव ला सकता है। शार्क टैंक इंडिया 4 में आना हमारे लिए एक शानदार मौका है, जहाँ हम अपने सफर और विज़न को शार्क्स के सामने रख सकते हैं। हमें विश्वास है कि हमारे उत्पाद डेयरी इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव लाने की ताकत रखते हैं, और हम ऐसे साझेदार की तलाश में हैं, जो हमारे इस जुनून को समझे और हमारे साथ जुड़े।"
क्या उनकी अनोखी सोच और समुदाय को आगे बढ़ाने का यह नज़रिया शार्क्स को पसंद आएगा? क्या उन्हें वह डील मिलेगी, जिसकी उन्हें उम्मीद है? यह तो समय ही बताएगा।
_देखते रहिए ‘शार्क टैंक इंडिया 4’, हर सोमवार से शुक्रवार, रात 8 बजे, सिर्फ सोनी लिव पर!_