एण्डटीवी के कलाकारों ने बताया कि यदि वे एक्टर न होते, तो कौन सा प्रोफेशन चुनते!
क्या आपने कभी सोचा है कि अगर आपके पसंदीदा कलाकार एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में नहीं होते, तो क्या कर रहे होते? दरअसल, इन प्रतिभाशाली कलाकारों में ऐसी अनोखी क्षमताएं और जुनून हैं, जो उन्हें बिल्कुल अलग कॅरियर की ओर ले जा सकते थे! एण्डटीवी के कलाकार बताते हैं कि अगर वे अभिनय नहीं कर रहे होते, तो उनकी दूसरी प्रोफेशनल जिंदगी भी उनकी रचनात्मकता, समर्पण और प्रेरणा देने की चाहत को दर्शाती। आइए जानें, अगर ये कलाकार अभिनय में नहीं होते, तो किस क्षेत्र में अपना कॅरियर बनाते! इन कलाकारों में शामिल हैं-नीता मोहिन्द्रा (‘भीमा’ की कैलाशा बुआ), सोनल पंवार (‘हप्पू की उलटन पलटन’ की मलाइका) और शुभांगी अत्रे (‘भाबीजी घर पर हैं’ की अंगूरी भाबी)। ‘भीमा‘ में कैलाशा बुआ का किरदार अदा कर रहीं नीता मोहिन्द्रा ने बताया, ‘‘ अगर मैं एक्ट्रेस नहीं होती, तो पूरा ध्यान एक्टिंग और आर्ट फाॅम्र्स को सिखाने में लगाती।
अपने एक्टिंग कॅरियर के साथ मैंने कई छात्रों को अभिनय और कलारिपयट्टू सिखाया है। कलारिपयट्टू एक प्राचीन भारतीय मार्शल आर्ट है, जो अनुशासन और ताकत के साथ खूबसूरती भी सिखाता है। मैंने फाइन आट्र्स में मास्टर्स और ट्राइबल आर्ट फॉम्र्स में पीएचडी की है, और मुझे हमारी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और आगे बढ़ाने का बहुत शौक है। पढ़ाने से मुझे नए कलाकारों को उनकी प्रतिभा पहचानने और उसे निखारने में मदद मिलती है। अगर एक्टिंग मेरी प्राथमिकता न होती, तो मैं पूरा समय नए कलाकारों को सिखाने और उन्हें तराशने में लगाती। यह मेरे लिए कला, कहानियों और शिक्षा को अपनी जिंदगी में पूरी तरह उतारने का सबसे खूबसूरत तरीका होता।‘‘
‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में मलाइका की भूमिका निभा रहीं सोनल पंवार ने बताया, ‘‘ अगर मैं एक्टर नहीं होती, तो सिंगर बनने की राह चुनती। बचपन से ही संगीत मेरे जीवन का हिस्सा रहा है, और मैंने जब से होश संभाला है, तब से गाना सीख रही हूं। संगीत में भावनाओं को व्यक्त करने और दिलों को जोड़ने की ताकत होती है, और यह मुझे बेहद पसंद है। गाना मुझे खुशी देता है और उन बातों को जाहिर करने का मौका देता है, जो शायद शब्दों से नहीं कही जा सकतीं। खाली समय में मैं अक्सर गुनगुनाती रहती हूं या अपने पसंदीदा गाने गाती हूं- यह मेरे लिए सुकून जैसा है। अगर मैं पर्दे पर अभिनय नहीं कर रही होती, तो शायद स्टेज पर गा रही होती या म्यूजिक सिखा रही होती, ताकि इसकी खूबसूरती को दूसरों तक पहुंचा सकूं। संगीत हमेशा मेरे जीवन का अहम हिस्सा रहेगा।’‘ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में अंगूरी भाबी की भूमिका निभाने के लिये मशहूर शुभांगी अत्रे ने कहा, ‘‘अगर मैं एक्टर नहीं बनती, तो यकीनन कथक डांसर और टीचर के तौर पर अपना कॅरियर बनाती। डांसिंग बचपन से मेरी जिन्दगी का हिस्सा है और कथक की मेरे दिल में एक खास जगह है। इस शास्त्रीय नृत्य की लय, अभिव्यक्तियों और खूबसूरती ने मुझे हमेशा आकर्षित किया है। मैंने इसके अभ्यास में कई घंटे बिताये हैं और ऐसा करने से मुझे बहुत खुशी तथा शांति मिली है।
कथक सिखाना मेरे लिये किसी सपने के सच होने जैसा रहता, क्योंकि इस तरह मैं यह सुंदर कला को दूसरों तक पहुँचाने का अपना शौक पूरा कर पाती। मैं उन्हें हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को अपनाने के लिये प्रेरित करती। अब भी मुझे अगर मौका मिलता है, मैं कथक करना पसंद करती हूँ। यह मुझे भारतीय शास्त्रीय कलाओं की सदाबहार इन कलाकारों के शानदार परफाॅर्मेंस देखिये ‘भीमा’ में रात 8ः30 बजे, ‘हप्पू की उलटन पलटन’ में रात 10ः00 बजे और ‘भाबीजी घर पर हैं’ में रात 10ः30 बजे, हर सोमवार से शुक्रवार सिर्फ एण्डटीवी पर!