शुभांगी अत्रे 18 साल बाद मिलीं अपनी कथक गुरू से!
शुभांगी अत्रे, जोकि एण्डटीवी के शो ‘भाबीजी घर पर हैं’ की अंगूरी भाबी के रूप में मशहूर हैं, हाल ही में अपने गृह नगर इंदौर गईं। यह यात्रा खास थी क्योंकि इस दौरान उन्हें 18 साल बाद अपनी कथक गुरु से मिलने का मौका मिला और वे अपने बचपन की यादों को ताजा कर सकीं। अंगूरी भाबी के प्यारे और चुलबुले किरदार के लिये मशहूर शुभांगी को डांस का बहुत शौक है, और उन्होंने अपनी किशोरावस्था में कथक गुरु से यह क्लासिकल डांस सीखा था। इस पुनर्मिलन पर शुभांगी ने गुरु के योगदान के लिए अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की। शुभांगी अत्रे, ऊर्फ अंगूरी भाबी ने कहा, ‘‘इंदौर जाना मेरे लिये हमेशा अपने घर लौटने जैसा रहा है। वहीं से मेरी शुरूआत हुई थी और मेरे दिल में उसकी एक खास जगह है। मैं कई दफा इंदौर जा चुकी हूँ, लेकिन यह दौरा बहुत ही यादगार बन गया, क्योंकि मैंने आखिरकार 18 साल बाद अपनी कथक क्लास जाने और गुरु से मिलने का सपना पूरा कर ही लिया। माधुरी दीक्षित को देखकर मुझे डांस करने की प्रेरणा मिली थी, लेकिन मेरी गुरु ने मुझे बढ़ावा दिया और डांस सिखाया। जब मैंने अपनी गुरु, डाॅ. सुचित्रा हरमालकर को सरप्राइज़ दिया, तब उनकी आँखों में खुशी के आंसू थे। हमने एक-दूसरे को कसकर गले लगा लिया और रोने लगीं- वह पल भावुक कर देेने वाला था। मैं उनकी पहली कुछ स्टूडेंट्स में से एक थी, जब उन्होंने प्राइवेट क्लास लगाना शुरू किया था और उनसे दोबारा मिलना एक सपने का सच होना था।’’
इंदौर के अपने सफर को याद करते हुए, शुभांगी ने आगे कहा, ‘‘उस प्रैक्टिस हाॅल में बैठना, जहाँ कभी मैं डांस सीखा करती थी, कुछ मूव्स दिखाना और प्रोत्साहन से भरे उनके शब्दों को सुनना कई सारी यादें लेकर आया। दीवारों पर उस वक्त की मेरी तस्वीर भी लगी थी, जो हमें साथ में परफाॅर्म करते दिखा रही थीं। गुरु से मिलने के बाद मुझे याद आया कि डांस के मेरे लिये क्या मायने हैं। डांस से मैंने मजबूती सीखी है और यह कि जीवन की लय के अनुकूल कैसे बना जाए। हर मुद्रा की एक कहानी है और हर कहानी में एक सबक है। उन्हीं को याद करते हुए, मुझे नई पे्ररणा मिली। यह मिलाप याद दिलाता है कि हमें उन रिश्तों से जुड़े रहकर उनका आभार जताना चाहिये, जिन्होंने हमें ढाला है।’’
शुभांगी अत्रे को ‘भाबीजी घर पर हैं’ में अंगूरी भाबी के रूप में देखिये, हर सोमवर से शुक्रवार रात 10ः30 बजे, सिर्फ एण्डटीवी पर!