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भारत-कोरियाई संगीत की जुगलबंदी: साल 2024 के आयोजन को मिला कोलैब का अभूतपूर्व सहयोग

 भारत-कोरियाई संगीत की जुगलबंदी: साल 2024 के आयोजन को मिला कोलैब का अभूतपूर्व सहयोग


इंडियन परफॉर्मिंग राइट सोसाइटी लिमिटेड (IPRS) और कोरियन म्यूज़िक कॉपीराइट एसोसिएशन (KOMCA) ने आज बड़े हर्ष के साथ आगामी भारत-कोरियाई संगीत सहयोग कार्यक्रम की घोषणा की है। सही मायने में यह एक अनोखी पहल हैजिसे सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और दो अलग-अलग संस्कृतियों के संगम से ऑरिजिनल म्यूज़िक तैयार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। महाराष्ट्र के जामरुंग में स्थित विजयभूमि यूनिवर्सिटी कैंपस के ट्रू स्कूल ऑफ़ म्यूज़िक में से 12 नवंबर, 2024 के दौरान इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में 15 कलाकार एकजुट होने वाले हैंजिनमें पूरे भारत से 10 और दक्षिण कोरिया से कलाकार भाग लेंगेजो गीत-लेखनकम्पोजिशनम्यूज़िक प्रोडक्शन और क्रिएटिव इनोवेशन में एक-दूसरे का सहयोग करेंगे। भारतीय और कोरियाई संगीत की समृद्ध परंपराओं पर आधारित बिल्कुल नए और पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करने वाले म्यूज़िक की पेशकश करने के अलावा इंडस्ट्री के साथ लंबे समय तक कायम रहने वाला कलात्मक संबंध स्थापित करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा हैजो संगीत जगत के अलग-अलग इनफ्लुएंसर्स का बेजोड़ संगम है।





भाग लेने वाले सभी कलाकारों को कोलैब की ओर से एक अनोखा मंच उपलब्ध कराया जाएगा। यहाँ उन्हें कार्यक्रम में क्रिएटिव डायरेक्टर की भूमिका निभाने वाले बंटी बैंस और मयूर पुरी जैसे दिग्गज म्यूज़िक क्रिएटर्स के मार्गदर्शन में आयोजित सहयोगपूर्ण सत्रों के ज़रिये अपनी क्रिएटिविटी के दायरे के विस्तार का अवसर मिलेगा। पूरे हफ्ते के दौरान भाग लेने वाले सभी कलाकार अपने खास स्टाइल और विचारों को एक-साथ मिलाएंगेतथा कोरिया के लोकप्रिय म्यूज़िक इनफ्लुएंसर्स भारतीय लय और ताल की जुगलबंदी से दोनों देशों के बीच जीवंत सांस्कृतिक आदान-प्रदान की झलक पेश करने वाले गीत तैयार करेंगे। 13 नवंबर को मुंबई में एक विशेष श्रवण सत्र के साथ इस कार्यक्रम का समापन होगाजहाँ तैयार किए गए नए गीतों को इस इंडस्ट्री के दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। इन सभी कलाकारों को अपनी कला के प्रदर्शन के मूल्यवान अवसर के अलावा विशेषज्ञों का फीडबैक भी मिलेगासाथ ही उनके लिए बड़े पैमाने पर दशकों तक पहुँच और व्यावसायिक सफलता की संभावनाओं के द्वार खुल जाएंगे। 

 

इंडियन परफॉर्मिंग राइट सोसाइटी के सीईओश्री राकेश निगम ने इस पहल के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, "IPRS मेंहम म्यूज़िक क्रिएटर्स को जोश व उत्साह से भरा प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने इरादे पर अटल हैं। हम पूरी दुनिया में प्रदर्शन और सहयोग के अवसरों के साथ उन्हें सक्षम बनाते हैंजो सरहदों से परे हैं। कोलैब के माध्यम से KOMCA के साथ हमारी यह साझेदारी इस बात को दर्शाती है किहम भारत और कोरिया की समृद्ध संगीत परंपराओं को सहजता से जोड़ते हुएसांस्कृतिक मेल-जोल बढ़ाने के अपने संकल्प पर कायम हैं। इसके अलावाहम कलाकारों के अधिकारों की हिफाज़त करने के अपने मिशन पर भी अडिग हैंऔर इस बात का भी ध्यान रखते हैं कि उनके रचनात्मक योगदान को पहचान के साथ-साथ सम्मान मिले। हम साथ मिलकर न केवल संगीत को बढ़ावा दे रहे हैंबल्कि हम कलाकारों के एक संपन्नआपस में एक-दूसरे से जुड़ी कम्युनिटी को भी बढ़ावा दे रहे हैं।

 इस मौके श्री विनय प्रभाकरडीनट्रू स्कूल ऑफ़ म्यूज़िकविजयभूमि यूनिवर्सिटी ने अपनी राय जाहिर करते हुए कहा, "विजयभूमि यूनिवर्सिटी को महाराष्ट्र के जामरुंग स्थित अपने सुंदर एवं हरे-भरे परिसर में कोलैब की मेजबानी करते हुए अपार हर्ष का अनुभव हो रहा हैजो अपनी तरह का पहला इंडो-कोरियाई गीत लेखन कार्यक्रम है। विजयभूमि स्थित ट्रू स्कूल ऑफ म्यूजिक द्वारा संचालित सात दिनों के इस आवासीय कार्यक्रम में भारत और दक्षिण कोरिया के कलाकार एकजुट होंगेजो अपनी क्रिएटिविटी को दुनिया के सामने लाने और दोनों संस्कृतियों के बीच आपसी सहयोग को प्रोत्साहित करने वाले माहौल की पेशकश करेगा। इंडियन परफॉर्मिंग राइट सोसाइटी और कोरियन म्यूजिक कॉपीराइट एसोसिएशन द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम भारतीय संगीत उद्योग के विस्तार में एक नए अध्याय का प्रतीक हैजो दुनिया में सभी को समझ आने वाली संगीत की भाषा के ज़रिये दोनों देशों के नाते को और मजबूत बनाता है।"

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