सिद्धार्थ पी मल्होत्रा निर्देशित फ़िल्म 'महाराज' 22 देशों में टॉप 10 में हुई शामिल!
July 03, 2024
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सिद्धार्थ पी मल्होत्रा की 'महाराज' ने ओटीटी पर नंबर 1 स्पॉट हासिल किया, फ़िल्म 22 देशों में टॉप 10 में हुई शामिल!
सिद्धार्थ पी मल्होत्रा निर्देशित 'महाराज' ओटीटी पर है नंबर 1; दुनिया भर के 22 देशों में टॉप 10 में स्थान!
सिद्धार्थ पी. मल्होत्रा के निर्देशन में बनी फिल्म 'महाराज' ओटीटी प्लेटफॉर्म पर धूम मचा रही है। फिल्म ने भारत और 4 अन्य देशों में नंबर 1 के अलावा 22 देशों में पहला स्थान हासिल किया है और टॉप 10 में जगह बनाई है। डेब्यूटेंट जुनैद खान ने 'करसनदास मुलजी' और जयदीप अहलावत ने 'जदुनाथ महाराज' की भूमिका निभाई है, इस फिल्म ने अपनी स्टोरीलाइन और सोशल मैसेज के साथ दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया है। शालिनी पांडे ने एक मासूम और भोली-भाली 'किशोरी' का किरदार निभाया है और शरवरी वाघ ने साहसी 'विराज' का किरदार निभाया है।
निर्देशक सिद्धार्थ पी मल्होत्रा ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर लिखा, "माय फ़िल्म महाराज इज 1 इन इंडिया 2 इन द वर्ल्ड एंड हैज ऑलरेडी एंट्रेड द टॉप 10 लिस्ट इन 22 कन्ट्रीज."
ग्रेटफुल टू द टैलेंट एंड द टैलेंटेड टीम हु मेड दिस पॉसिबल. एंड थैंक यू टू द ऑडियंस फ़ॉर गिविंग महाराज ए चांस."
https://www.instagram.com/p/C89AR8gtEt8/
महाराज ने ओटीटी पर दर्शकों की संख्या के मामले में एशिया और जीसीसी देशों के साथ काफी प्रगति की है, जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और मालदीव में नंबर 1 पर है। वहीं, दूसरी तरफ बहरीन, कुवैत, मलेशिया, ओमान, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, सिंगापुर, श्रीलंका और थाईलैंड में टॉप 10 में प्रवेश किया है। अफ़्रीकी कॉन्टिनेंट्स में, यह फ़िल्म मॉरीशस और केन्या, मोरक्को, नाइजीरिया और रीयूनियन में भी नंबर 1 स्थान पर है। दक्षिण अमेरिका में, फिल्म ग्वाडेलोप, त्रिनिदाद और टोबैगो में ट्रेंड कर रही है, जबकि यूरोप में, फिल्म लक्ज़मबर्ग में ट्रेंड कर रही है।
अपनी रिलीज़ के बाद से, 'महाराज' को फैंस और क्रिटिक्स दोनों के द्वारा व्यापक रूप से सराहा गया है। स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के लेटेस्ट डेटा से पता चलता है कि फिल्म ने 24 जून से 30 जून, 2024 तक वैश्विक स्तर पर 5.3 मिलियन व्यूज हासिल किए हैं।
बॉम्बे में 'द महाराज लाइबल केस' के नाम से प्रसिद्ध 1862 के कोर्ट केस पर आधारित, 'महाराज' ने सिनेमा को गढ़ने में सिद्धार्थ पी. मल्होत्रा की प्रतिभा को सशक्त किया है, जो न केवल विचारोत्तेजक है बल्कि सामाजिक रूप से भी प्रासंगिक है।