इंपा ने फिल्म नीति के लिए बिहार सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की
February 06, 2024
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इंपा ने फिल्म नीति के लिए बिहार सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की
बिहार में जल्द जारी हो सकती है फिल्म निर्माण की नीति
इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (इंपा ) के प्रेसिडेंट अभय कुमार सिन्हा, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सुश्री सुषमा शिरोमणि और फिल्म एफएमसी जनरल सेक्रेटरी निशांत उज्जवल के नेतृत्व में इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (इंपा)
के प्रतिनिधिमंडल की कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती हरजोत कौर बम्हरा जी के साथ बहुत ही सार्थक बैठक हुई, जब उन्हें इंपा द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री को भेजे गए विभिन्न पत्रों के जवाब में 2 फरवरी 2024 को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया गया था, जिसमें बिहार में फिल्माई गई फिल्मों के लिए सुविधाओं और सब्सिडी पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की मांग की गई थी। बैठक में निर्देशक (सांस्कृतिक कार्य निदेशालय) श्रीमती रूबी जी भी उपस्थित थीं। बैठक के दौरान श्रीमती हरजोत कौर बम्हरा जी ने बताया कि बिहार फिल्म नीति को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है और इसे अंतिम रूप देने के लिए शेष कदम नई कैबिनेट के गठन के बाद उठाए जाएंगे। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने इंपा प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि यदि संभव हो तो फिल्म निर्माताओं के लाभ के लिए सब्सिडी, एकल खिड़की मंजूरी, मुफ्त स्थान, कर छूट आदि सहित इंपा द्वारा प्रस्तावित सभी प्रावधानों को फिल्म नीति में शामिल किया जाएगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने नीति को और बेहतर बनाने तथा उद्योग के अनुकूल फिल्म नीति सुनिश्चित करने के लिए इंपा से अतिरिक्त इनपुट का स्वागत किया। चर्चा का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह था कि प्रदर्शकों के लिए सिनेमाघरों में क्षेत्रीय फिल्मों का प्रदर्शन अनिवार्य किया जाए जो क्षेत्रीय सिनेमा और इसकी दृश्यता के लिए एक सकारात्मक विकास साबित होगा। इस बात पर भी चर्चा की गई कि राज्य में सिनेमा हॉल भारी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और उन्हें जीवित रहना मुश्किल हो रहा है और यदि फिल्म नीति में सिनेमा हॉल/थियेटरों को सब्सिडी और कर छूट देने का प्रावधान किया जाता है तो और अधिक नए सिनेमा हॉल व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। इसके अलावा यह सुनिश्चित करना कि पुराने सिनेमा हॉल सरकारी मदद न मिलने के कारण ध्वस्त न हों जैसा कि वर्तमान में हो रहा है। इसपर भी चर्चा हुई