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हिस्ट्री टीवी18 की नई डॉक्यूमेंट्री दर्शकों को बिहार में 'बुद्ध सर्किट' की एक गहन यात्रा पर आमंत्रित करती है।

हिस्ट्री टीवी18 की नई डॉक्यूमेंट्री दर्शकों को बिहार में 'बुद्ध सर्किट' की एक गहन यात्रा पर आमंत्रित करती है। शनिवार को शाम 5 बजे प्रीमियर होने वाली ये श्रृंखला राज्य भर में प्रमुख बौद्ध स्थलों की यात्रा के ज़रिए बिहार की आध्यात्मिक विरासत को दर्शाएगी। बिहार की आध्यात्मिक विरासत की समृद्ध टेपेस्ट्री की खोज करती चार भागों वाली ये मनोरम वृत्तचित्र श्रृंखला ‘बुद्ध सर्किट’ दर्शकों को भगवान बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं से जुड़े कुछ सबसे पवित्र स्थलों की एक उज्ज्वल यात्रा पर ले जाएगी। शनिवार, 16 मार्च, 2024 को शाम 5 बजे प्रीमियर होने वाला हिस्ट्री टीवी18 का ये नवीनतम लोकल प्रोडक्शन बिहार और बुद्ध के बीच के जीवंत बंधन की बात करता है - जो ऐतिहासिक दस्तावेज़ीकरण से भी परे है। बोधगया से राजधानी पटना तक होने वाली यह गहन यात्रा बौद्ध धर्म के सार को उजागर करती है, साथ ही कालातीत ज्ञान, कलात्मकता और शांति का प्रदर्शन करती है जो इन स्थलों में रची बसी है और इन्हें सही अर्थ प्रदान करती है। बिहार में बौद्ध धर्म कोई सुप्त अवशेष नहीं है; ये यहाँ के दैनिक जीवन में स्पंदित होता है। सक्रिय बौद्ध अनुष्ठान, बुद्ध पूर्णिमा जैसे जीवंत उत्सव और पवित्र स्थलों का सावधानीपूर्वक संरक्षण बिहार में बौद्ध धर्म की स्थायी जीवनी शक्ति को दर्शाता है। स्थान और रिवाज के बीच का यह गहरा संबंध राज्य के समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास, श्रद्धेय तीर्थ स्थलों, शैक्षिक केंद्रों और आध्यात्मिक जीवंतता में प्रकट होता है, जो आज भी उतने ही प्रचलित हैं। ये श्रृंखला बोधगया के चिंतनशील अन्वेषण के साथ शुरू होती है, उस पवित्र शहर से जहां गौतम बुद्ध ने पूजनीय बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त किया था। यहां विविध ध्यान शैलियाँ देखने को मिलती हैं, जिनमें से हरेक आत्म-खोज और आंतरिक शांति के लिए एक खास पथ प्रदर्शित करती है। इस पवित्र स्थान में दर्शकों को तीर्थयात्रियों की आध्यात्मिक भक्ति को देखने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है - चाहे मंत्रों के उत्कृष्ट पाठ के माध्यम से, या सामूहिक सांसों के लयबद्ध प्रवाह के माध्यम से जो यहाँ की हवा में सामंजस्यपूर्ण संगीत की तरह प्रवाहित होता है। बौद्ध धर्म के सबसे पवित्र स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त बोधगया में स्थित यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल महाबोधि मंदिर, बुद्ध की शिक्षाओं की विरासत का स्मारक है। यह ऐसा स्थान है जहां आध्यात्मिक साधक एकत्रित होते हैं और अतीत और वर्तमान का मिलन होता है। यहां आत्मज्ञान की खोज एक यात्रा भी है और गंतव्य भी। ये डॉक्यूमेंट्री दर्शकों को विद्या प्राप्ति के प्राचीन स्थल नालंदा विश्वविद्यालय में भी ले जाती है, जहां किसी समय ज्ञान विकसित हुआ करता था। यह वृत्तचित्र नालंदा की बौद्धिक विरासत और ज्ञान की खोज पर इसके गहरे प्रभाव पर भी प्रकाश डालता है। भागलपुर में विक्रमशिला विश्वविद्यालय का अनावरण किया गया है, जो आध्यात्मिक अन्वेषण और ज्ञानोदय की शाश्वत खोज का प्रमाण बन चुका है।
बिहार न केवल बुद्ध की शिक्षाओं का संरक्षक है बल्कि एक आध्यात्मिक अभयारण्य भी है, जो दुनिया भर से साधकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। राजगीर में शानदार विश्व शांति स्तूप या विश्व शांति शिवालय - शांति का अद्भुत प्रतीक है। वास्तुशिल्प के इस चमत्कार को वैश्विक मंच पर सार्वभौमिक शांति, एकता और सद्भाव के बौद्ध सिद्धांतों के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। जानिए कि कैसे ये सभी स्मारक सांस्कृतिक आदान-प्रदान, अंतरधार्मिक संवाद और चिंतनशील प्रथाओं के केंद्र के रूप में विकसित हुए हैं। पवित्र गंगा को पार करते हुए यह श्रृंखला दर्शकों को वैशाली के भ्रमण पर ले जाती है, जहां प्रमुख स्मारकों, जैसे कि भारत के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ और अशोक चक्र और बुद्ध के पुरावशेष स्तूप में प्रबुद्ध हस्ती बुद्ध के पवित्र अवशेष मिलते हैं, और जो बौद्ध इतिहास के महत्वपूर्ण क्षणों के गवाह हैं। इन स्थलों के ज़रिए दर्शक बौद्ध धर्म के करुणा और सद्भाव के मूल्यों को आत्मसात कर सकते हैं। प्राचीन ज्ञान और समकालीन आख्यानों के चौराहे पर खड़े होकर, हिस्ट्री टीवी18 की यह वृत्तचित्र श्रृंखला बिहार के आध्यात्मिक पक्ष को उजागर करके आने वाली पीढ़ियों के लिए आशा, सद्भाव और स्थायी ज्ञान के स्रोत के रूप में कार्य करती है। बुद्ध सर्किट की इस परिवर्तनकारी यात्रा में हमारे साथ शामिल हों, प्रत्येक शनिवार शाम 5 बजे। बुद्ध सर्किट का प्रीमियर होगा शनिवार, 16 मार्च, 2024, शाम 5 बजे, हर शनिवार, केवल हिस्ट्री टीवी18 पर

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